अनंत न्यूज़ @गुना। संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को 4 श्रम संहिताओं को रद्द करने सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आव्हान किया गया। गुना में भी विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने इस हड़ताल में सक्रिय भागीदारी निभाई और देश बचाओ का नारा बुलंद करते हुए सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि हड़ताल में एनएफएल, कृषि उपज मंडी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा-ऊषा कार्यकर्ता, नगरपालिका के आउटसोर्स और स्थायी कर्मी अधिकांश मजदूर यूनियन एवं पेंशनर्स यूनियन सहित कई प्रमुख संगठन शामिल रहे। सभी संगठनों ने अपनी-अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा। विशेष रूप से, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने फेस कैप्चर और लोकेशन प्रक्रिया को बंद करने की मांग की, क्योंकि उन्हें इसमें तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि जब तक उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता, तब तक उन्हें न्यूनतम 26,000 प्रति माह वेतन दिया जाए। इसके अलावा, हड़ताल में शामिल संगठनों ने स्मार्ट मीटर लगाने का भी पुरजोर विरोध किया, जिसे वे उपभोक्ताओं के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ मानते हैं। यूनियनों ने केंद्र सरकार को प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार सृजित करने के अपने वादे की भी याद दिलाई, जिसे केंद्र सरकार द्वारा अब तक पूरा नहीं किया गया है। इस अवसर पर, संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के नेतृत्व में हनुमान चौराहे से एक विशाल और प्रभावशाली रैली निकाली गई, जो कलेक्ट्रेट तक पहुंची। कलेक्ट्रेट पर रैली में शामिल यूनियनों के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न मांगों से संबंधित एक विस्तृत ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया। यूनियनों की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी दी गई कि वह जनता और कर्मचारियों की समस्याओं पर गौर करे अन्यथा भविष्य में जनआक्रोश का लावा फूटेगा, जिसकी जवाबदेही केंद्र और राज्य सरकार की होगी।
हम्मालों की देशव्यापी हड़ताल से नानाखेड़ी मंडी में कामकाज ठप, किसान परेशान

नानाखेड़ी मंडी में हम्मालों की देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला, लगभग दो हजार से अधिक हम्माल काम से नदारद रहे। अचानक हुई हड़ताल ने अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचे किसानों को भारी परेशानी में डाल दिया। किसानों ने बताया कि हड़ताल की जानकारी मिलते ही कई किसान अपनी उपज लेकर घर लौट गए, लेकिन दूर-दराज से आए किसानों को आवागमन के महंगे खर्च के कारण मंडी में ही रुकना पड़ा। किसानों का कहना था कि उन्हें इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते हम्मालों के भी हड़ताल पर जाने की कोई पूर्व सूचना नहीं मिली थी। हम्मालों की मुख्य मांगों में मंडी के बाहर तुलाई पर रोक और तुलाई सिर्फ मंडी परिसर के भीतर ही करने की शर्त शामिल है। इसके अलावा, हम्माल एक बार में 50 किलो से अधिक भार न उठाने की सीमा तय करने और काम के घंटों को निर्धारित करने की भी मांग कर रहे हैं। बुधवार को मंडी में लगभग 10 से 15 ट्रैक्टर ही पहुंचे थे। इन किसानों को मजबूरन अपनी उपज की सुरक्षा को लेकर चिंतित होकर मंडी परिसर में ही रात गुजारनी पड़ी। हम्मालों की हड़ताल के कारण व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, जिससे मंडी में सन्नाटा पसरा रहा।
